ज़िन्दगी
जिंदगी की राह पर ,चलते ही जाते हैं।
पाँव में काँटे कभी ,तो गुल भी पाते हैं।
विष सुधा सम भाव से,मिलते हैं जीवन में-
भूल कर गम गीत हम, खुशियों के गाते हैं।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
जिंदगी की राह पर ,चलते ही जाते हैं।
पाँव में काँटे कभी ,तो गुल भी पाते हैं।
विष सुधा सम भाव से,मिलते हैं जीवन में-
भूल कर गम गीत हम, खुशियों के गाते हैं।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली