Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं

ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
वही उम्र भर की कमज़ोरी बन जाते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे

4 Likes · 1 Comment · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
एक अध्याय नया
एक अध्याय नया
Priya princess panwar
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
"जीवनसाथी राज"
Dr Meenu Poonia
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
To be Invincible,
To be Invincible,
Dhriti Mishra
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
$úDhÁ MãÚ₹Yá
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पहले जैसा अब अपनापन नहीं रहा
पहले जैसा अब अपनापन नहीं रहा
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
काले दिन ( समीक्षा)
काले दिन ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
तू ही मेरा रहनुमा है
तू ही मेरा रहनुमा है
Monika Arora
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
इस तरहां बिताये मैंने, तन्हाई के पल
इस तरहां बिताये मैंने, तन्हाई के पल
gurudeenverma198
कैसे गाएँ गीत मल्हार
कैसे गाएँ गीत मल्हार
संजय कुमार संजू
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
अज्ञानता निर्धनता का मूल
अज्ञानता निर्धनता का मूल
लक्ष्मी सिंह
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष
AMRESH KUMAR VERMA
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
बापू
बापू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...