Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं

ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
वही उम्र भर की कमज़ोरी बन जाते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे

5 Likes · 1 Comment · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
Dr fauzia Naseem shad
" जीवन है गतिमान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ (राधेश्यामी छ
जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
एक दिया बहुत है जलने के लिए
एक दिया बहुत है जलने के लिए
Sonam Puneet Dubey
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
shabina. Naaz
..
..
*प्रणय प्रभात*
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
आशीष के दीप है जलाती, दुखों के तम से बचाती है माँ।
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
कुछ लोग इस ज़मीन पे
कुछ लोग इस ज़मीन पे
Shivkumar Bilagrami
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
बेतरतीब
बेतरतीब
Dr. Kishan tandon kranti
समय निकल जाएगा,
समय निकल जाएगा,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...