ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया*
ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया
बुज़ुर्गो का मान कभी रख न पाया
कभी दो बोल ईज़्ज़त के उनसे बोल न पाया
स्वार्थ के लिये बस माँ बाप को आजमाया
किसकी है माँ..किसका है बाबा सब भाइयों को ये समझ नहीं आया
तू रख माँ को तू रख पिताजी को
सबने ये सुर में है गाया
अरे नादान इंसान..
तू बिन पूछे उनका बंटवारा कर आया
व्यस्त हूं कहकर कभी न तू सेवा कर पाया
बस एक तस्वीर खींचकर उनके संग
बस तू खानापूर्ति कर आया
पब्लिसिटी स्टंट के लिये फ़ोटो तू सोशल नेटवर्किन्ग साइटस पर डाल आया
देखो ये कैसा कलयुग है आया
जाने है आत्मा तेरी कितना तू उनसे प्रेम कर पाया
स्वार्थ होता है अंधा ये कभी तू जान न पाया
चलो जैसा भी है पर प्रेम याद तो आया
जैसे भूला बिसरा कोई घर लौटकर आया
©® अनुजा कौशिक