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4 Nov 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,

ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
मुख़्तसर हमसे राब्ता रखिये।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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