ज़िंदगी
जिंदगी
जिंदगी को जीने के लिए क्या चाहिए,
एक साथी और समझदार बस इतना चाहिए। शिक्षा के अनुमान से, प्रकृति के विधान से, जिसका नाता हो, जिंदगी को क्या चाहिए, एक साथी समझदार चाहिए। भोजन तो सब करते है, शरीर के संचयन के लिए
बुद्धि मे विकास को एक आयाम चाहिए। जीवन के सामाजिक अंतरण मे, बुद्धि फल विद्या का प्रमाण चाहिए।
जीवन को चलाने के लिए बस थोड़ा सा सामान चाहिए, बस यही चाहना है,
हम साथी समझदार चाहिए।
एक अबोध बालक अरुण अतृप्त