Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2024 · 1 min read

ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,

ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
औरो की रक्खो लेकिन अपनी ख़बर भी रखना ।

—-डाॅ फौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 41 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
Ravi Prakash
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
3053.*पूर्णिका*
3053.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
seema sharma
जब कभी परछाई का कद
जब कभी परछाई का कद
Manoj Shrivastava
मेरा स्वर्ग
मेरा स्वर्ग
Dr.Priya Soni Khare
घर की कैद
घर की कैद
Minal Aggarwal
हिंदी का अपमान
हिंदी का अपमान
Shriyansh Gupta
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
manorath maharaj
कौन, कब, किसका और कितना अपना है,
कौन, कब, किसका और कितना अपना है,
पूर्वार्थ
धोखा देकर बेवफ़ा,
धोखा देकर बेवफ़ा,
sushil sarna
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
आ लिख दूँ
आ लिख दूँ
हिमांशु Kulshrestha
जो समझना है
जो समझना है
Dr fauzia Naseem shad
शीर्षक - संगीत
शीर्षक - संगीत
Neeraj Agarwal
चलते चलते
चलते चलते
ruby kumari
हर गम दिल में समा गया है।
हर गम दिल में समा गया है।
Taj Mohammad
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
shabina. Naaz
चुनाव के दौर से (नील पदम् के दोहे)
चुनाव के दौर से (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चंद शेर
चंद शेर
Shashi Mahajan
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
दरिया का किनारा हूं,
दरिया का किनारा हूं,
Sanjay ' शून्य'
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
Loading...