Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
189 Followers
Follow
Report this post
14 Aug 2022 · 1 min read
ज़िंदगी मौत पर खत्म होगी
यह सफ़र है चंद सांसों का ।
ज़िंदगी मौत पर खत्म होगी ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
5 Likes
· 179 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like these posts
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा ,
Neeraj kumar Soni
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
Dr fauzia Naseem shad
जून की दोपहर
Kanchan Khanna
हम ने तवज्जो नहीं दी
Nitin Kulkarni
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खरी खरी विज्ञान भरी
Anil Kumar Mishra
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कुछ खयाल हैं जो,
Manisha Wandhare
रेडियो की यादें
Sudhir srivastava
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
VINOD CHAUHAN
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
दिल की बात
Poonam Sharma
*दशहरे पर मछली देखने की परंपरा*
Ravi Prakash
सामाजिक न्याय
Rahul Singh
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
■ जल्दी ही ■
*प्रणय*
हर किसी की खुशियाँ
Chitra Bisht
पुतले सारे काठ के,
sushil sarna
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
भगवान राम रक्षा स्तोत्रम
Rambali Mishra
3140.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्संग
पूर्वार्थ
आज फिर मुझे गुजरा ज़माना याद आ गया
Jyoti Roshni
भारत
Shashi Mahajan
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contect) बनाते हैं,
Lokesh Sharma
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
लिखना चाहूँ अपनी बातें , कोई नहीं इसको पढ़ता है ! बातें कह
DrLakshman Jha Parimal
दीपावली के अवसर पर
जगदीश लववंशी
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
Rituraj shivem verma
Loading...