Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2023 · 1 min read

ज़िंदगी की कसम

मेरी हर सांस में
शामिल तुम हो
ज़िन्दगी की कसम
ज़िन्दगी तुम हो ।।
सोचा तुमको है,
लिखा है तुम को।
हाँ मेरी ज़िंदगी का
हासिल तुम हो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
आओ बाहर, देखो बाहर
आओ बाहर, देखो बाहर
जगदीश लववंशी
माफिया
माफिया
Sanjay ' शून्य'
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
VEDANTA PATEL
भावना में
भावना में
surenderpal vaidya
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
Dr Manju Saini
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय*
बढ़ता चल
बढ़ता चल
Mahetaru madhukar
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
अज़ीयत में शुमार मत करिए,
अज़ीयत में शुमार मत करिए,
Dr fauzia Naseem shad
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
Kaushal Kishor Bhatt
अधरों ने की दिल्लगी,
अधरों ने की दिल्लगी,
sushil sarna
നല്ല നാളുകൾ.
നല്ല നാളുകൾ.
Heera S
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
बूंद बूंद में प्यास है, बूंद बूंद में आस।
बूंद बूंद में प्यास है, बूंद बूंद में आस।
Suryakant Dwivedi
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मेरे अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
4717.*पूर्णिका*
4717.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
Loading...