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18 May 2024 · 1 min read

ज़िंदगी की कँटीली राहों पर

ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
एक एहसास ए नर्मियत हो तुम
जिसकी तस्दीक़ हाँ में होती है
वही शादाब ख़ैरियत हो तुम

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