ज़िंदगी की अहमियत
ए ज़िन्दगी तुझे ख़ोकर ही,
गुज़रते वक़्त की अहमियत समझी,
जो आज है, वही बस अपना है
कहां किसी ने इस बात की अहमियत समझी ।
-अनुराग श्रीवास्तव “अंकित”
ए ज़िन्दगी तुझे ख़ोकर ही,
गुज़रते वक़्त की अहमियत समझी,
जो आज है, वही बस अपना है
कहां किसी ने इस बात की अहमियत समझी ।
-अनुराग श्रीवास्तव “अंकित”