Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2022 · 1 min read

ज़िंदगी का सबक़

मुफ़लिसी भी तो एक तजुर्बा है ।
जिंदगी का सबक़ पढ़ा देगी ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
15 Likes · 369 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
Meenakshi Masoom
छिप न पाती तेरी ऐयारी है।
छिप न पाती तेरी ऐयारी है।
Kumar Kalhans
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
Sanjay ' शून्य'
बुलाकर तो देखो
बुलाकर तो देखो
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
Dushyant Kumar
"दिल की बातें"
Dr. Kishan tandon kranti
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भारत भूमि महान है
भारत भूमि महान है
indu parashar
जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
पूर्वार्थ
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राधा शाम की बनी हैं
राधा शाम की बनी हैं
Shinde Poonam
कोयल
कोयल
Madhuri mahakash
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Dr Archana Gupta
गोमूत्र उपज बढ़ाने का सूत्र
गोमूत्र उपज बढ़ाने का सूत्र
Anil Kumar Mishra
तेरा गांव और मेरा गांव
तेरा गांव और मेरा गांव
आर एस आघात
दिखावटी मदद..!!
दिखावटी मदद..!!
Ravi Betulwala
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
23/126.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/126.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . पिता
दोहा पंचक. . . . . पिता
sushil sarna
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
Mamta Gupta
अपवित्र मानसिकता से परे,
अपवित्र मानसिकता से परे,
शेखर सिंह
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...