Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2024 · 1 min read

ज़िंदगी का जंग

बेहतर होता कि मोड़ते जाते कोरा कागज़,
बोझल पलकें न देंगे ज़िंदगी का हर संग!!

यूं लगता है जैसे अधूरा है ज़िंदगी का चेहरा,
बस उतर गया कहीं पर्दे से मोहब्बत का रंग!!

नए रंगों से सजी रहीं ये पलकें भी धीरे-धीरे,
बेरंग ज़िंदगी में फिर लौट आया प्यारा उमंग!!

दिल की धड़कनों से तो थमी नहीं ये जिंदगी,
बस सांसों ने यूं जीत लिया ज़िंदगी का जंग!!

©️ डॉ. शशांक शर्मा रईस

28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हार से भी जीत जाना सीख ले।
हार से भी जीत जाना सीख ले।
सत्य कुमार प्रेमी
बेहद मामूली सा
बेहद मामूली सा
हिमांशु Kulshrestha
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
আগামীকালের স্ত্রী
আগামীকালের স্ত্রী
Otteri Selvakumar
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
इज़्ज़त
इज़्ज़त
Jogendar singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
Rj Anand Prajapati
ये अमावस की रात तो गुजर जाएगी
ये अमावस की रात तो गुजर जाएगी
VINOD CHAUHAN
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
Ashwini sharma
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
" इरादा "
Dr. Kishan tandon kranti
कर दो मेरे शहर का नाम
कर दो मेरे शहर का नाम "कल्पनाथ"
Anand Kumar
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
..
..
*प्रणय*
कुंडलिया - वर्षा
कुंडलिया - वर्षा
sushil sarna
Loading...