ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
हर बात को सोचना समझना, मथना सहेजना,
यह तो ज़िंदगी का खेल है,
जिसमें जीत है, हार है,और हर पल नया सवाल है।
Overthinking कहते हैं इसे आज कल,पर मैं कहता हूँ,
यह तो ज़िंदगी का सार है,जिसमें हर पल नया अनुभव है।
ज़रूरत है सिर्फ संतुलन की,सोचने की, समझने की,
और फिर छोड़ देने की,जो चीज़ें बस बेकार हैं।
Overthinking से डरना नहीं चाहिए,यह तो ज़िंदगी को समझने का रास्ता है,
बस ज़रूरत है,सही दिशा में इसका इस्तेमाल करने की।
ज़िंदगी के हर पल का आनंद लें,सोचें, समझें, और फिर आगे बढ़ें,
यही तो ज़िंदगी का खेल है,जिसमें हर पल नया सफर है।