Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
मोहन
110 Followers
Follow
Report this post
8 Aug 2022 · 1 min read
ज़हर
बहुत मन मार कर जीता
मैं खुदको हारकर जीता
पता होता ज़हर हो तुम
ज़हर भी प्यार से पीता
-मोहन
Language:
Hindi
Tag:
कोटेशन
Like
Share
1 Like
· 134 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
Ranjeet kumar patre
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
छठ पूजन
surenderpal vaidya
कविता
Neelam Sharma
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
बात चली है
Ashok deep
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
सफलता
Raju Gajbhiye
शीत .....
sushil sarna
✍️✍️✍️✍️
शेखर सिंह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
पंकज परिंदा
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जीवनाचे वास्तव
Otteri Selvakumar
@@ पंजाब मेरा @@
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
👍👍👍
*प्रणय*
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan Alok Malu
जी करता है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" रसोई में "
Dr. Kishan tandon kranti
4294.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सार्थक जीवन - मंत्र
Shyam Sundar Subramanian
गीत
Shiva Awasthi
कुछ दर्द ऐसे होते हैं
Sonam Puneet Dubey
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
Loading...