ज़रूर है तैयारी ज़रूरी, मगर हौसले का होना भी ज़रूरी
ज़रूर है तैयारी ज़रूरी, मगर हौसले का होना भी ज़रूरी
तैयारी में है ताकत, ज्ञान का है सहारा,
मगर हौसले का होना भी है, जंग जीतने का न्यारा।।
ज़रूर डर होगा, ज़रूर आएंगे पल टूटने के,
मगर हौसले की आग जलाएगी, उम्मीदों के दीप जलाने के।।
गिरेंगे, संभलेंगे, हारेंगे, जीतेंगे,
मगर हौसले की शक्ति से, हर मुश्किल को झेल लेंगे।।
मानसिकता में हो विश्वास, दृढ़ हो इरादा,
तो बन पाएगी मंजिल, हर राह होगी सहज और सरल।।
खुद पर विश्वास हो, खुद पे हो भरोसा,
तो बन जाएगा हर सपना हकीकत, हर लक्ष्य होगा अपना।।
चलो मिलकर तैयारी करें, मजबूत बनाएं हौसले,
और जीतें ये जंग, बनाकर अपने सपनों को सच।।
यह कविता उन सभी के लिए है, जो अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। यह कहती है कि तैयारी जरूरी है, मगर हौसले का होना भी उतना ही जरूरी है। बिना हौसले के आप कितनी भी तैयारी करें, आप हार जाएंगे। इसलिए अपने अंदर विश्वास रखें, खुद पे भरोसा रखें, और कभी भी हार।