लगता है सो रहा है तू
बिखरे नहीं है खिलौने
ना ही तकिए ज़मीन पर है
ऐसा होता नहीं कभी भी
होता जब तू घर पर है
थक गया है शायद इसलिए
लगता है सो रहा है तू।।
आते ही मेरे आज
कोई छुपा नहीं मुझसे
घर में इतनी खामोशी
देखकर जान गया हूं
थक गया है शायद
लगता है सो रहा है तू।।
मैं तो ढूंढ रहा था
किसी दरवाजे के पीछे
फिर परदों के पीछे
नहीं मिला तू टेबल के नीचे
थक गया है शायद आज
लगता है सो रहा है तू।।
मेरे लिए आज क्या लाया
किसी ने नहीं पूछा आज
आज मैं लाया कुछ भी नहीं
लेकिन तू नाराज़ नहीं हुआ आज
बहुत थक गया है शायद आज
लगता है सो रहा है तू।।
देख रहा हूं अब मैं तुम्हें
जो गहरी नींद में सो रहा है तू
है नींद में भी कभी मुस्कुरा रहा
लगता है सपनों में खो रहा है तू।।