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3 Oct 2024 · 1 min read

ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,

ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
कोई किसी का कहां हुआ है।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 18 Views
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