ज़मीर
हम अपने ज़मीर का कभी सौदा नहीं करगे।
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मार जाए गे मगर वफा को
रुस्वा नही करेगे.
तुम सोच ते हो के जमाना हमें बुरा कहेगा
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हम अगर सच्चे पे है तो
परवाह नही करेंगे…..
दौलत के तराज़ू में दिलो को तोलने वालो…..
सुनो पत्थर को तो हम सिजदा नही करेंगे….
ज़ुल्म करना होगा शेवा जिनका तो होगा….
अपनी जात से हम किसी का बुरा नहीं करेंगे…..
तुम दुनिया को समझो तुमारी… है
हम तो अपने खुदा को अपना कहेगे ….शबीनाज़