ज़माने के ख़िलाफ़
मेरा-तुम्हारा प्यार है
ज़मानों के ख़िलाफ़
हर तरफ़ तलवार है
दीवानों के ख़िलाफ़…
(१)
कत्ले-लैला-मजनूं के
इस बर्बर समाज में
कौन उठाये आवाज़
हैवानों के ख़िलाफ़…
(२)
कहें भी तो क्या कहें
करें भी तो क्या करें
समझ में नहीं आता है
नादानों के ख़िलाफ़…
(३)
लूट और मार छोड़के
हमने चाहा है जीना
सियासी खुदाओं के
फरमानों के ख़िलाफ़…
(४)
किसने ऐसी किताबें
उतारीं आसमान से
हम लोगों के कुदरती
अरमानों के ख़िलाफ़…
(५)
ज़ात और मज़हब की
चलती रहतीं साजिशें
ख़ुबसूरत और मासूम
इंसानों के ख़िलाफ़…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#ऑनर_किलिंग #इज्जत #मर्यादा
#Honour_Killings #प्रेमी #प्रेम
#Love #Casteism #Religion
#अपराध #बर्बरता #खाप_पंचायत