ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा ग़र तुम हो कामयाब।
बेसहारा के तो ये पैरों तले रौंदता ख्वाब।
जिंदगी के सफ़र में , कड़ी धूप तो होगी
चांदनी के साए तले,मत बनना तुम नवाब
मेहनत ग़र तुम करोगे, मिलेगी सफलता
तभी ये जमाना कहेगा तुम्हें लाजवाब ।
अमीरी सारे ऐब ढक लेती है यहां पर
ग़रीबी से ज़माने में , हो खाना खराब।
मंजिल तक पहुंचने की नहीं राह आसान
बनना पड़ेगा तुम को खुद ही नायाब।
सुरिंदर कौर