Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2024 · 1 min read

ज़ख्मों की गहराई

ये सन्नाटे बड़े गहरे हैं ,शोर मचाने से भी नहीं जाएँगे
इतने हिस्सों में बँट गया हूँ मैं ,तुमसे पहचाने नहीं जायेंगे l

ग़म इतने कम भी नहीं हैं अपने ,कि बता दिए जाएँ ,
ज़िक्र भी छेड़ा अगर , कहने में जमाने लग जाएँगे l

इक उम्र तलक तलाशते रहे हम इस सहरा में पानी ,
अब तो कोई कहता है वहाँ है, तो पीने भी नहीं जाएँगे ।

लाख ज़ख्म खाकर भी ज़िंदा रहे हैं हर हाल में ,
एक धोखा गर और मिला , तो क्या हम मर जाएँगे !!!

डा राजीव “सागर”

8 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
जिंदगी का आखिरी सफर
जिंदगी का आखिरी सफर
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई शराब पी रहा है तो इसका भी एक कारण है कोई अनवरत अध्ययन कर
कोई शराब पी रहा है तो इसका भी एक कारण है कोई अनवरत अध्ययन कर
Rj Anand Prajapati
Mountain
Mountain
Neeraj Agarwal
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
Karuna Goswami
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय*
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेटी शिक्षा
बेटी शिक्षा
Dr.Archannaa Mishraa
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
"कलम का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
Happy Father's Day
Happy Father's Day
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#लेखन कला
#लेखन कला
Radheshyam Khatik
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
Ravi Prakash
गुरुर
गुरुर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
अब  रह  ही  क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
हरवंश हृदय
मरने के बाद।
मरने के बाद।
Taj Mohammad
3593.💐 *पूर्णिका* 💐
3593.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
Sunil Suman
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
Subhash Singhai
Loading...