जहा हो वहीं का मज़ा लो ।
जहा हो वहीं का मज़ा लो ।
सफर में रहकर वादियों का मज़ा लो ।
हो अगर घर में तुम अपने, तो अपने पन का मज़ा लो ।
कहीं और खो ना जाना, रहकर भी तुम यहां ।
बहुत कुछ खो दोंगे तुम ,रहकर भी वहां ।।
फिर पछताओगे तुम कहीं किसी कोने में बैठ ।
कोसोंगे खुद को खुद में समेट ।।
कोसोंगे खुद को………….