जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान
जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान
और पग पग पर बैठा हो चोर
तब क्यों नहीं मचेगा वहां पर शोर
यहां चारों ओर है भ्रष्टाचार का जोर
पारस नाथ झा
जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान
और पग पग पर बैठा हो चोर
तब क्यों नहीं मचेगा वहां पर शोर
यहां चारों ओर है भ्रष्टाचार का जोर
पारस नाथ झा