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20 Jul 2023 · 1 min read

संस्कारों और वीरों की धरा…!!!!

जहां भगत सिंह जैसे…
माटी की खातिर रस्सियों पर झूल गए।।
जहां दुश्मनों को माफ करा हमने…
और उनकी गलतियों को भूल गए।।
हम उन महापुरुषों की संतान है …
जगतगुरु के द्वारा मिला हमी को गीता का अद्भुत ज्ञान है।।
वीरों और संस्कारों की यह धरती है…
इस माटी में ही तो जान हमारी बसती है।।
जी आदर्श हमारे हैं जिंदा…
भरत के जैसे भ्राता भी जन्में थे,
जो थे भाई की खातिर मां की करनी पर शर्मिंदा।।
वो थे मर्यादा पुरुषोत्तम राम…
एक वचन की खातिर जिन्होंने सिंहासन को छोड़ दिया।।
चौदह वर्षों तक जिन्होंने…
अपनी अयोध्या नगरी से मुख मोड़ लिया।।
नारी के सम्मान की खातिर…
जिन्होंने रच डाली थी महा-भारत।।
वो कर्ण दानी जब इस जीवन समर को छोड़ चला…
केशव के भी अश्रु गिरे थे, हदय हुआ था उनका आहत।।
जो संपूर्ण सृष्टि का करते संचालन…
राम रूप में किया स्वयं धर्म का पालन।।
अवतरित हुए थे परशुराम…
ये ही तो थे हमारे द्वापर युग में घनश्याम।।
राधा कृष्ण रूप में प्रेम सिखा कर हमको…
राम रूप में जीवन का सार बताकर हमको।।
फिर हमको जीवन का यह वरदान दिया…
माता- पिता और गुरु रूप में-
इस धरा पर पूज्यनीय योग्य एक हमें भगवान दिया।।
आज भी मीरा की भक्ति…
और राधा कृष्ण का प्रेम है जीवंत।।
यह गाथाएं अविस्मरणीय रहेंगी…
जिनका ना होगा कभी अंत।।
-ज्योति खारी

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 233 Views

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