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18 Aug 2024 · 1 min read

जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।

जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
दोनो कबहू ना मिलै, रवि रजनी एक ठाम।।

कबीरदास कहते है कि जहाँ काम वासना होती है वहाँ प्रभु नहीं रहते हैं, और जहाँ प्रभु रहते हैं वहां काम, वासना नहीं रह सकते हैं। इन दोनों का मिलन उसी प्रकार संभव नहीं है जिस प्रकार सूर्य और रात्रि का मिलन संभव नहीं है।
जय हिंद

1 Like · 34 Views
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