Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2022 · 1 min read

जहाँ तुम रहती हो

इस खुदगर्ज़ी के खेल से कोशों दूर,
ख़्वाबों के भी आगे।
एक सुनेहरा सा बसेरा है,
जहाँ तुम रहती हो।

समय के इन उलझनों से परे,
दूरियों के फासलों से आगे।
एक सालों पुराना रिश्ता है,
जहाँ बस चाहत बेहती है।

यादों की पगडंडियों पे चलकर,
चला आता हूँ तुम्हारे आगे।
एक नींद सी गहरी शांति है,
जहाँ तुम रहती हो।

कही-अनकही लफ्ज़ों से बनी,
हकीकत की बंदिशों से आगे।
एक टिमटिमाती हुई सी दुनिया है,
जहाँ तुम मुझे अपना कहती हो।

– सिद्धांत शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 307 Views

You may also like these posts

पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़माने से खफा एक इंसान
ज़माने से खफा एक इंसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
अपने बच्चे की रक्षा हित,
अपने बच्चे की रक्षा हित,
rubichetanshukla 781
" सरहद "
Dr. Kishan tandon kranti
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उत्तर से बढ़कर नहीं,
उत्तर से बढ़कर नहीं,
sushil sarna
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
bharat gehlot
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
मंजिल की चाह
मंजिल की चाह
Anant Yadav
बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो
बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
Jyoti Roshni
शु
शु
*प्रणय*
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
दर्द कहूं कैसे
दर्द कहूं कैसे
Er.Navaneet R Shandily
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
सपनों का ताना बना बुनता जा
सपनों का ताना बना बुनता जा
goutam shaw
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
कैसे सँवार लूं
कैसे सँवार लूं
हिमांशु Kulshrestha
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
Herons
Herons
Buddha Prakash
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
मतवाला मन
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
पूर्वार्थ
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...