जहरीला साप
है विडंबना देश की देश में ,
चोर बैठे हैं छोर छोर पर
निगलने जैसे ज़हरीले साँप की तरह
बचा सको तो बचा लो उनसे
बैठे हैं छोर छोर पर ।।
है विडंबना देश की देश में ,
चोर बैठे हैं छोर छोर पर
निगलने जैसे ज़हरीले साँप की तरह
बचा सको तो बचा लो उनसे
बैठे हैं छोर छोर पर ।।