जश्न होती ज़िंदगी
यूँ कहानी अंत भी हो प्रश्न होती जिंदगी ।
जीत हो या हार जाएं जश्न होती जिंदगी।।
प्रीत जो स्वीकार हो तो हाथ थामा कीजिए ,
गर निभाना साथ हो तो आप वादा कीजिए ,
भावनाओं से न खेले औ न धोखा दीजिए ,
जो बुरा भी वक्त हो तो लग्न होती जिंदगी ।
जीत हो या हार जाए जश्न होती जिंदगी।।
चांद की ज्यूँ चाँदनी है फैलती हर मोड़ है ,
तू बसे तेरी अदा यूँ दीखती हर ओर है ,
एक प्याली प्रीत सी जैसे बसी हर पोर है ,
यूँ खुदी से मात खाती यत्न होती जिंदगी ।
जीत हो या हार जाएं जश्न होती जिंदगी।।
पंख खोले कल्पना लेती नया आकार है ,
नेह भीगा प्यार ही है यह नहीं व्यापार है ,
घात आघातों भरा ही यह नहीं संसार है ,
प्रीत का यह कीमती सा रत्न होती जिंदगी ।
जीत हो या हार जाएं जश्न होती ज़िंदगी।।