जवाब आया
उम्र पलटी जवाब आया
हर कर्मों का हिसाब आया
पाप -पुण्य के लेख का
चित्रगुप्त ज़ब किताब लाया
आदमी फिर सहूलियत से
सारे पन्ने…..पढ़ने बैठा
यह सही है यह गलत है
बातें हजारों गढ़ने बैठा
धुंधले नैनों के खातिर
यम ने थोड़ा आब लाया
उम्र पलटी जवाब आया
हर कर्मों का हिसाब आया
आदमी हर इक बात को
झुठलाने में कसर न छोड़ी
वैसे सब कुछ दर्ज था सच
बात ने कोई असर न छोड़ी
उलझी हुई हर गुत्थियों को
सुलझाने मौत का नवाब आया
उम्र पलटी जवाब आया
हर कर्मों का हिसाब आया
सामने अनगिनत चिताएं
आग के होतीं हवाले
मौत ही अंतिम सत्य है
इस बात को लेता संभाले
पर उम्र लम्बी मान बैठा
जेहन में खुद का शबाब आया
उम्र पलटी जवाब आया
हर कर्मों का हिसाब आया
-सिद्धार्थ गोरखपुरी