जवान
जवान
प्रहरी बनके देश के, खड़े रहते जवान।
यही सितारे देश के, हो जाते कुर्बान।।
नभ मंडल में खो गए, बहुत सारे जवान।
नाम अमर अपना किया, रखी देश की आन।।
सोता जब जग नींद में, वह रहते सीना तान।
सीमा पर नजरें रही, और हाथ में जान।।
कंटक पथ, हिम शैल है, या हो रेगिस्तान।
रात-दिवस डटते रहे, कर बन्दूकें तान।।
धन-धन वीर जवान वो, जिनकी नहीं मिसाल।
जिन नामों की आज भी ,रौशन रही मशाल ।।