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15 Jun 2021 · 1 min read

जवानी बेंच दी मैंने

किसी के प्रेम की दिलकस, निशानी बेंच दी मैंने
रहा एकाकी बनकर के, रवानी बेंच दी मैंने
गया दो कौर के खातिर, ठिकाना छोड़कर अपना
कमाने चंद पैसों को, जवानी बेंच दी मैंने

अदम्य

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 241 Views
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