जवाँ हो जाये
तन ये मेरा जवान हो जाये
याद में ये मकान हो जाये
प्यार तेरा मिला नहीं मुझको
दिल जले तो मसान हो जाये
प्यार में चोट मिली दिल को
आज फिर बागबान हो जाये
बन पंक्षी छू जरा गगन को तू
चाह में आसमान हो जाये
रूप हमको मिले सदा ऐसा
देखने की दुकान हो जाये
है तमन्ना मिलूँ तुझे मै अब
स्वर मिले आज तान हो जाये
देवता ही समझ पूजा उसको
वो पूजा के समान हो जाये
बाबली हो गयी विरह में मैं
नाथ आये तो जान हो जाये
मौत के बाद तू चला जाये
इसलिए अंगदान हो जाये