जल
हाइकु पंच
जल
जल जीवन
यही मूल आधार,,
सब जानिये,,,,।।
एक पल भी,
रह सके न प्राणी,,
जरा सोचिये,,,,।।
पशु पक्षी भी,,
जीव त्याग जाते ही,,
सच मानिये,,,
जल बिन न,
काम चले जग में,,
न बाहिये।
पेड़ लगाओ,,,
अपार जल पाओ,,
कुछ करिये,,,।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मंदसौर
मोबाइल नंबर 7772931211