जल
जल जीवन परिभाषा है जल,
जीवन जीने की आशा है जल।।1।।
निर्मलता की शक्ति है जल,
परमात्मा की भक्ति है जल।।2।।
जड़ है जल और चेतन है जल,
जल शाश्वत अनिकेतन है जल।।3।।
जल अविरल है पावन है जल,
जल आनंद मनभावन है जल।।4।।
जल है निर्मल है जल उष्मल,
जल कठोर है जल है कोमल।।5।।
जीवों का है प्राणपुंज जल,
जल अथाह शक्ति निकुंज जल।।6।।
ईश्वरत्व का मानक है जल,
सृष्टि का कथानक है जल।।7।।
स्वरचित द्वारा
तरुण सिंह पवार