जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
स्वच्छ सुन्दर धवल सी दिखती मै,
कल कल करके उज्जवल सी बहती मै,
कूड़ा कचरा फेंख के मुझपर,
गन्दा जल प्रवाहित करके मुझमें,
दूषित कर खुद को चुनौती दिया है इंसान,
न्योता बीमारियों को दिया है,
गड्ढा खुद हि खोद रहा है इंसान,
जुड़ा है इन नदियों से ,झील और तालाबों के जल से,
मूर्खता फिर क्यो कर रहा इंसान,
पर्यावरण को ध्यान दो ज़रा,
इनसे जुड़ कर ही है जीवन तुम्हारा,
जल है तो कल है,
अन्यथा यूँ ही बिकेगा बाजारों में ,
होगी जंग जल के लिए ,
शुद्धता फिर लाओगे कैसे ?
खुद को बचाओगे कैसे ?
समय रहते जागरूकता लाओ,
मोल समझो और बच्चों को समझाओ,
जल प्रदूषण मुक्त जल श्रोत बनाओ,
प्रकृति का अनमोल धरोहर,
संरक्षरण करना अपना कर्तव्य बनाओ।
🙏 बुध्द प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर।