जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात। जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात। कल देखेंगे हम सभी, छक्कों की बरसात।। ©दुष्यंत ‘बाबा’