“जल्दी उठो हे व्रती”
“जल्दी उठो हे व्रती”
जल्दी उठो, सुबह हुई हे व्रती।
छोड़ दो आज,हर कोई सुस्ती।
चलो सब घाट पर , देने अर्ध्य;
छठी माय पार करेंगे, ‘कश्ती’।
______________________
…✍️पंकज कर्ण
….. …कटिहार।।
“जल्दी उठो हे व्रती”
जल्दी उठो, सुबह हुई हे व्रती।
छोड़ दो आज,हर कोई सुस्ती।
चलो सब घाट पर , देने अर्ध्य;
छठी माय पार करेंगे, ‘कश्ती’।
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…✍️पंकज कर्ण
….. …कटिहार।।