जल्दी आओ राम बाद में
जल्दी आओ राम सिया रो रही
दुष्ट के हाथों में पड़ जां खो रही
आपने भी बहुत सी समझाई थी
बुद्धि उल्टी हो समझ में ना आई थी
आंसुओं से पाप सारे धो रही
दुख में अबला नार को तू ना सता
खोल के बतला दे मेरी क्या खता
झगड़ा कितनी देर से में जो रही
कह रहा बलदेव सुन ले के करी
दोष लाया लक्ष्मण पर तू ना डरी
रेखा बंधन तोड़ खुद तंग हो रही