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18 May 2024 · 1 min read

जल्दी आओ राम बाद में

जल्दी आओ राम सिया रो रही
दुष्ट के हाथों में पड़ जां खो रही

आपने भी बहुत सी समझाई थी
बुद्धि उल्टी हो समझ में ना आई थी
आंसुओं से पाप सारे धो रही

दुख में अबला नार को तू ना सता
खोल के बतला दे मेरी क्या खता
झगड़ा कितनी देर से में जो रही

कह रहा बलदेव सुन ले के करी
दोष लाया लक्ष्मण पर तू ना डरी
रेखा बंधन तोड़ खुद तंग हो रही

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