जले होलिका नफरत की …
अबकी बार इस होली में
चले प्रेम की पिचकारी,
राधा के गहरे रंग से
रंग दें दुनिया सारी।
जले होलिका नफरत की
मिटे आपस की दूरी,
वृन्दावन हो मन सबका
छलके खुशियों की गगरी।
फागुन के मधुर गीतों से
थिरके जन-मन की नगरी,
बढ़े मान व शान देश का
हसरते हों सबकी पूरी।
आपसबों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
डॉ. विवेक कुमार
तेली पाड़ा मार्ग, दुमका-814 101
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