जले स्नेह का दीप।
सबकी आशा पूर्ण हो, जले स्नेह का दीप।
मिटे दिलों की दूरियाँ, अपने रहे समीप।।
अपने रहे समीप, भरे खुशियों से झोली।
ये अपना परिवार, सुखद सुरभित रंगोली।।
महके बंदनवार,स्नेह से मन में अबकी।
हँसी ठहाके संग,मने दीवाली सबकी ।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली