Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2018 · 1 min read

जलेबी का घमण्ड

जलेबी को एक बार हो गया घमण्ड ।
अकड़ कर बोली मैं हूँ सबसे मीठी ।
चाश्‍नी जब जलेबी से बोली… ।
वो तो ठीक है जलेबी बहन
हो तो तुम बहुत मीठी ।
पर ये तो बताओ कैसे मीठी हो ।
जलेबी बोली इसमें क्या है बतलाना ।
कहा न मैं स्वयं ही मीठी हूँ।
इसमें किसी का नहीं है योगदान ।
है मेरी अपनी पहचान।।
सुनकर यह मुरब्बा बोला..
जलेबी बहन वो तो ठीक है ।
पर ये तो बताओ तुममें है किसने मिश्री घोला।
जलेबी फिर से झल्लाई और जोर से चिल्लाई ।
अरे बार-बार हो क्यों करते परेशान।
एकबार कह दिया न नहीं है इसमें किसी का भी योगदान ।।
इतने में रसगुल्ला आया ।
आते ही जलेबी को समझाया ।।
जलेबी बहन कहने से पहले एक बार तो सोचना चाहिये ।
हैं हम सब मीठाई अतएव हमारा व्यवहार भी मीठा होना चाहिये ।।
सोचिये थोड़ा भी भला हममें अकड़ होना चाहिये ।।
जलेबी जोर से चिल्लाई …
और बोली रसगुल्ले चुप हो जा…..
कहा न नहीं है इसमें किसी का भी योगदान ।।
है मेरी अपनी अलग पहचान।।
सारे मिठाई उदास हो गये ।
और वहाँ से चले गये ।।
इतने मैं ही सज गयी दुकान।
चारों ओर दिख रहे थे पकवान।।
लोग आए पर जलेबी की तरफ किसी ने भी नहीं दिया ध्यान ।।
जलेबी को अपने किए पर हुआ पछतावा।

3 Likes · 2 Comments · 375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
Paras Nath Jha
2968.*पूर्णिका*
2968.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
*पाना है अमरत्व अगर तो, जग में सबसे प्यार करो 【मुक्तक】*
*पाना है अमरत्व अगर तो, जग में सबसे प्यार करो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
गुरूर चाँद का
गुरूर चाँद का
Satish Srijan
पहचान तेरी क्या है
पहचान तेरी क्या है
Dr fauzia Naseem shad
"लालटेन"
Dr. Kishan tandon kranti
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
मॉडर्न किसान
मॉडर्न किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
हमेशा समय के साथ चलें,
हमेशा समय के साथ चलें,
नेताम आर सी
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
Rituraj shivem verma
(10) मैं महासागर हूँ !
(10) मैं महासागर हूँ !
Kishore Nigam
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पीठ के नीचे. . . .
पीठ के नीचे. . . .
sushil sarna
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
पूर्वार्थ
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
Sarfaraz Ahmed Aasee
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
कवि दीपक बवेजा
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
Loading...