Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2019 · 1 min read

जलियाँ वाला बाग़ बोल रहा हूँ –आर के रस्तोगी

जलियाँ वाला बाग बोल रहा हूँ,जालिम ड़ायर की कहानी सुनाता हूँ |
निह्त्थो पर गोली चलवाई जिसने मरने वालो की चीखे सुनाता हूँ ||

चश्मदीद गवाह था मै,यह सब कुछ देखा रहा था शैतान की करतूतों को |
मेरे भी आँखों में आँसू थे,पर बोल रहा नहीं था देख शैतान की करतूतों को ||

13 अप्रैल १९१९ बैसाखी का दिन था,जब काफी वीर सपूत आये थे |
रोलेट एक्ट के विरोध करने को सब यहाँ मीटिंग करने को आये थे ||

सौ वर्ष के बाद भी आज उनकी चीखे सुनाई देती है |
उनकी आत्मायें भी आज सपनों में दिखाई देती है ||

उधम सिंह था एक देश भक्त ,जिसने ख़ूनी डायर को मारा था |
चने चबाते चबाते लन्दन जाकर उसके घर में घुस कर मारा था ||

उधम सिंह केवल 11 साल का बालक था जब उसने ये घटना देखी थी |
कसम खाई उसी दिन उसने जब जनरल डायर को मारने की ठानी थी ||

करता रहा 21 साल तक कोशिश,गरीब वह अपने घर से था ||
मेहनत मजदूरी करके बेचारा वह ,पहुचा कातिल के घर में था ||

चलाई तीन गोलियां डायर पर जब वह मीटिंग में बोल रहा था |
कर दिया सरंडर अपने आप को “बदला ले लिया” बोल रहा था ||

करते है नमन आज उसको जिसने कातिल को घुस कर मारा था |
सुना रहा है ये दुर्घटना जलियाँ वाला बाग,जो कभी नहीं हारा था ||

आर के रस्तोगी
मो 9971006425

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
शेखर सिंह
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"संलाप"
Dr. Kishan tandon kranti
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*रक्तदान*
*रक्तदान*
Dushyant Kumar
तड़पता भी है दिल
तड़पता भी है दिल
हिमांशु Kulshrestha
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
अपनी और अपनों की
अपनी और अपनों की
*Author प्रणय प्रभात*
कर्म कांड से बचते बचाते.
कर्म कांड से बचते बचाते.
Mahender Singh
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
कवि दीपक बवेजा
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
वक्त बर्बाद करने वाले को एक दिन वक्त बर्बाद करके छोड़ता है।
वक्त बर्बाद करने वाले को एक दिन वक्त बर्बाद करके छोड़ता है।
Paras Nath Jha
ख्वाबों के रेल में
ख्वाबों के रेल में
Ritu Verma
सहधर्मनी
सहधर्मनी
Bodhisatva kastooriya
सच्ची दोस्ती -
सच्ची दोस्ती -
Raju Gajbhiye
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
बांते
बांते
Punam Pande
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
अनवरत ये बेचैनी
अनवरत ये बेचैनी
Shweta Soni
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...