Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2020 · 1 min read

जला वतन को

ये आग बोलो ,किसने लगाई,
ये पूछ टीवी एंकर रहे है।
जला वतन को बेशर्म सारे ,
अजब सी बातें पूछ रहे है।

बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल,
लगा के कैमरे यहां वहां पर,
मिले मसाला इन्हें जहां भी ,लगाते मजमा ये वहां पर,
ये इनकी बरसो की थी जो मेहनत,
ये देश कैसे जलेगा आखिर,
हुई फलीभूत जब ये कोशिश,
पता नही फिर ,क्यो पूछ रहे है।

इन्हें न मतलब किसी वतन से ,न इनको लेना किसी धर्म से।
इन्हें तो इनकी कमाई प्यारी ,लाचार अपने इसी कर्म से।
नज़र न आई अच्छाई इनको ,न ही कभी भी नज़र आएगी,
दिखा छेद यह माँ वसन पे ,बेशर्म बनकर मुस्कुरा रहे है।
ये आग बोलो लगाई किसने ,टीवी एंकर पूछ रहे है।

कलम घिसाई

1 Like · 518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आया तेरे दर पर बेटा माँ
आया तेरे दर पर बेटा माँ
Basant Bhagawan Roy
उत्कर्ष
उत्कर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and
Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and
पूर्वार्थ
" स्मार्टनेस "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रणय
प्रणय
*प्रणय*
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जाने वो कौन सी रोटी है
जाने वो कौन सी रोटी है
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
आदमी क्यों  खाने लगा हराम का
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
इश्क का बाजार
इश्क का बाजार
Suraj Mehra
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2824. *पूर्णिका*
2824. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
Lucky Number Seven!
Lucky Number Seven!
R. H. SRIDEVI
तिनका तिनका सजा सजाकर,
तिनका तिनका सजा सजाकर,
AJAY AMITABH SUMAN
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
Dhirendra Singh
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
Lokesh Sharma
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
जीत
जीत
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
Loading...