जलप्रलय
जलप्रलय
इंद्र का कोप या वरुण निरुपाय
धरा धसक जीव जन असहाय
सागर सहन मिलकर एकाकार
धरा पर पसरा करुण हाहाकार
मैया, गैया दीन दैया की पुकार
आर्त्तनाद-त्राहि माम् मंत्रोच्चार
जल प्रलय हा! तोड़ रही साँसें
जल माला में बहती जिंदा लाशें
-©नवल किशोर सिंह
12-08-2019