जलते ही रहोगे ___कहते ही रहोगे _ मुक्तक
जले हो हमसे तुम सदा जलते ही रहोगे।
चलते थे राह टेडी सदा चलते ही रहोगे।।
सारी ही कमियां तुमने हममें खोज डाली है।
लगता है जीयोगे तब तक कहते ही रहोगे।।
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हमने तो कुछ भी सोचना अब छोड़ दिया है।
रास्ता अलग ही अपना अब मोड़ दिया है।।
करते हैं नेकियों के ही काम हम सबके ही वास्ते
सादगी समर्पण से अब खुद को जोड़ दिया है।।
राजेश व्यास अनुनय