*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)
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जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश
जगमग कर दें जग सभी, धरती क्या आकाश
धरती क्या आकाश, ॲंधेरा सदा मिटाते
हम देकर बलिदान, जगत् ज्योतित कर जाते
कहते रवि कविराय, उजाला करते चलते
निर्धन या धनवान, सभी के घर हम जलते
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451