:::::जर्जर दीया::::
:::जर्जर दीया::
(मंगलवार, 22 अप्रैल 2008)
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रोशनी की उम्मीद में
जर्जर दीया
जला तो दिया।
मगर-
अंधेरा अनन्त है
और
साथ ही
पुरजोर हवा का
मध्यम और धीमी बारिश के साथ
अभिनन्दन हुआ है।
अब
शायद!
पतंगे हलचल करना बंद कर दें
रोशनी मध्यम होने लगे
या
फिर लुप्त ही हो जाए।
अगर
ऐसा हुआ तो-
उम्मीदों के साए में जगे ख्वाब
अप्रस्तावित विवादास्पद योजनाओं की भांति
ठण्डे बस्ते में पड़े नजर आएंगे।
और
जर्जर दीया
जर्जर मकान के
जर्जर कोने में
जर्जर अवस्था में
जगमगाने की आश लिए
शायद ही जीवित रहे।
-सुनील सैनी “सीना”
राम नगर, रोहतक रोड जीन्द (हरियाणा)-१२६१०२.