— जरुरत थी और रहेगी —
जमाना बहुत खराब है
वक्त बदलते ही बदल जाता है
न जाने कब कौन किस वक्त
मीठा बन पेट में घुस जाता है !!
जरुरत होती है तो.
कितना नीचे भी गिर जाता है
मान जाओ तो ठीक, वरना
फिर वो आँख दिखता है !!
लोगों ने सोच लिया है
जरुरत पर गधे को भी बाप बनाता है
जरुरत जहाँ खत्म हुई
फिर बात क्या, नजर भी नही आता है !!
जब पड़ेगी तब पड़ेगी
अभी जरुरत किस को पड़ी है
दोबारा मीठी बातों से आकर
फिर से पूँछ हिलाता है !!
सच है लोगो यह जमाना
खराब है, लूट- खसूट
बईमानी, सारे हथकंडे आजमाता है
जरुरत पर ही नजर आता है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ