जरिया
मेरी इस जिन्दगी में
हवा, पानी, रोशनी का
एकमात्र तुम जरिया हो ।
अब तुम्हीं सोंच लो
तुम्हें इस जरिए को
कैसे जारी रखना है ।
तुम दीपक नहीं
सूर्य हो मेरे जीवन के
जिसे वायु बुझा नहीं सकती
बल्कि उसके ताप में उष्ण हो
स्वयं हल्की हो जाती है ।
मेरे जीवन आकाश में
टंके भाग्य के सितारे
गहरी काली रात में
तुमसे ही टिमटिमाएंगे ।
तुम ठहर नहीं सकते
नहीं तो सब कुछ
वहीं ठहर जायेगा,
और मेरी कहानी
सदा के लिए अधूरी रह जाएगी ।