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27 May 2019 · 1 min read

जरा ठहर तो वक्त …

जरा ठहर तो वक्त, मैं अपनी हालत तो सुधार लूँ
लडख़ड़ाते कदमों को जरा हौसलों से सवार लूँ ।

इजाजत हो गर तो आसमाँ से विशालता उधार लूँ
कुछ बिजलियाँ कुछ सितारे भी साथ में उतार लूँ।

इंकलाब के लाल परचम में सभी को फिर टांक लूँ
हर लहराते हांथ में फिर लाल झंडे का भार बाँट लूँ।

…सिद्धार्थ …

Language: Hindi
1 Like · 194 Views
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